कहाँ गए संजीवनी दिन जब नदियाँ स्वच्छ शीतल जलदायिनी थी कहाँ गए संजीवनी दिन जब नदियाँ स्वच्छ शीतल जलदायिनी थी
सरसों आज भी फूलती है अमराई में आज भी बौर लगते हैं! सरसों आज भी फूलती है अमराई में आज भी बौर लगते हैं!
फिर चहकी है बुलबुल मेरी बिसम्य की अमराई में। एक तराना जैसे जग का सार हमारे ही अंदर ह फिर चहकी है बुलबुल मेरी बिसम्य की अमराई में। एक तराना जैसे जग का सार हम...
सब मिल फागुनी राग गाओ, झूमो नाचो रङ्गोत्सव मनाओ ।। सब मिल फागुनी राग गाओ, झूमो नाचो रङ्गोत्सव मनाओ ।।
पहली बार मिले थे हम-तुम, जिस हरियल अमराई में। अब तक उसकी याद बसी है। पहली बार मिले थे हम-तुम, जिस हरियल अमराई में। अब तक उसकी याद बसी है।
बदल चुकी है उष्म लू शीतल पुरवाई में कूक रही है कोयल मधुगीत रिमझिम अमराई में ! बदल चुकी है उष्म लू शीतल पुरवाई में कूक रही है कोयल मधुगीत रिमझिम अमराई में...