कहाँ गए सुनहरे दिन
कहाँ गए सुनहरे दिन
1 min
455
कहाँ गए सुनहरे दिन
जब बटोही सुस्ताया करते थे
पेड़ों की शीतल छाँव में
कोयल कूकती थी
अमराइयों में
सुकून था गाँव में
कहाँ गए संजीवनी दिन
जब नदियाँ स्वच्छ शीतल
जलदायिनी थी
शुद्ध हवा में साँस लेते थे हम
हवा ऊर्जा वाहिनी थी