STORYMIRROR

Rajni Chhabra

Others

2  

Rajni Chhabra

Others

कहाँ गए सुनहरे दिन

कहाँ गए सुनहरे दिन

1 min
442

कहाँ गए सुनहरे दिन 

जब बटोही सुस्ताया करते थे 

पेड़ों की शीतल छाँव में 

कोयल कूकती थी 

अमराइयों में  

सुकून था गाँव में 


कहाँ गए संजीवनी दिन 

जब नदियाँ स्वच्छ शीतल 

जलदायिनी थी 


शुद्ध हवा में साँस लेते थे हम 

हवा ऊर्जा वाहिनी थी 


Rate this content
Log in