इस दुुनिया के आगे हार गए थे तुम क्या तुम वही हो। इस दुुनिया के आगे हार गए थे तुम क्या तुम वही हो।
भयभीत हुआ है मन तो मधुर,प्रेम सौहार्द्र फैलाते हैं। भयभीत हुआ है मन तो मधुर,प्रेम सौहार्द्र फैलाते हैं।
खुद से भी जुदा हो जाते हैं अक्सर, वजूद खोकर भी सुकून नही आता है। खुद से भी जुदा हो जाते हैं अक्सर, वजूद खोकर भी सुकून नही आता है।
पर इन बातों से उस अनजाने को क्या,वो एक बंजारा, जो अलबेला सा अकेले झूमता था, पर इन बातों से उस अनजाने को क्या,वो एक बंजारा, जो अलबेला सा अकेले झूमता था,
रास्ते कठिन जिंदगी बोझिल सी लगती है ! रास्ते कठिन जिंदगी बोझिल सी लगती है !