सत्य प्रकट होंगे ही
सत्य प्रकट होंगे ही
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ये न सोचो की तुम जीत गये हो
मुझे हरा दिया है
तुम्हारा बुरा अभिलाषा
फला-फूला
खुश हुए भरपूर
हँसने लगे थे जोर-जोर से
मेरा मिट्टी की देह ही तो
मिट्टी में मिला है
तुम्हारे दानवी शक्ति से ही तो
प्राण गया मेरा
पर मेरे विचार और कामों का
तुम क्या करोगे
तेज़ छुरी से वह
काटोगे कैसे
बन्दुक की गोली से
उसे मारोगे कैसे
सत्य पर टिका
मेरा विचार और काम
सात दरवाजे के अंदर
बंद कर रखने पर भी
पहाड़ के जैसे पत्थर से
दबाकर रखने पर भी
पीपल के पत्ते हिलने के जैसा
लोगों के सामने वह प्रकट होंगे ही
