बहेंगी नदियों में अमृत धारा सुखी होगा संसार सारा ! बहेंगी नदियों में अमृत धारा सुखी होगा संसार सारा !
वक़्त से शिकायत थी जिनको आज ना जाने मौन क्यों हैं! वक़्त से शिकायत थी जिनको आज ना जाने मौन क्यों हैं!
सोच में मेरी जिंदा हो तुम नजरों के ख्वाबों की बेताबियों! सोच में मेरी जिंदा हो तुम नजरों के ख्वाबों की बेताबियों!
इशारों-२ में दिल में छुपी हर बात कहती हैं, अनमोल आँखें तो सदा खूबसूरती पर फ़िदा रहती हैं। इशारों-२ में दिल में छुपी हर बात कहती हैं, अनमोल आँखें तो सदा खूबसूरती पर फ़िदा र...
छुपे मुझमें ही कहीं बनकर मेरी एक अनलिखी_कविता। छुपे मुझमें ही कहीं बनकर मेरी एक अनलिखी_कविता।
खुद से कर इक वादा, फिर, इक बेहतर कल बनायेंगे। खुद से कर इक वादा, फिर, इक बेहतर कल बनायेंगे।