अपने विचारों से दे सको तुम सबको प्रेरणा|जड़ को जागृत कर सको, ऐसी हो तुम में संवेदना ||परहित रखो सर्वो... अपने विचारों से दे सको तुम सबको प्रेरणा|जड़ को जागृत कर सको, ऐसी हो तुम में संवेद...
"च" से वो "चेतावनी" जो कुदरत हमको देती है"च" से ही वो "चीत्कार" जो एक अबला देती है "च" से ही वो "चरक... "च" से वो "चेतावनी" जो कुदरत हमको देती है"च" से ही वो "चीत्कार" जो एक अबला देती ...
छुपे मुझमें ही कहीं बनकर मेरी एक अनलिखी_कविता। छुपे मुझमें ही कहीं बनकर मेरी एक अनलिखी_कविता।