सलाम इंडिया
सलाम इंडिया
ये देश कैसा है
सर्दियों में खिलखिलाती धूप जैसा है
बारिशों में इंद्रधनुष के रूप जैसा है
जैसे देखो वैसा दिखाई दे
ये माँ के आंचल के स्वरूप जैसा है
बच्चों की मासूम शरारतों जैसा है
बड़ों की समझ और आदतों जैसा है
जैसे देखो वैसा दिखाई दे
ये उम्र के गुजरते पड़ावों जैसा है
शांति की अखंड अलख जैसा है
वक़्त पड़ने पर तलवारों की चमक जैसा है
जैसे देखो वैसा दिखाई दे
ये दिलों में आज़ादी की धमक जैसा है
बीते जमाने के निशान जैसा है
आज के युग की उड़ान जैसा है
जैसे देखो वैसा दिखाई दे
हर वक़्त ये महान जैसा है
दिल धड़कन अरमान जैसा है
सांसों में बसे तूफान जैसा है
जैसे देखो वैसा दिखाई दे
ये देश सबकी जान जैसा है।