शुरुआत
शुरुआत
उन पुराने लम्हों को समेट कर
नयी शुरुवात करने जा रही हूँ
कुछ किस्से कुछ बाँतें पीछे छोड
ख़ुशियों से मुलाकात करने जा रही हूँ
गुनाह क्या था मेरा,क्या थी गलती
जो सजा इस कदर दी जमाने ने
ऊसी जालिम बेइमान जमाने को
थोडी सी शराफ़त सिखाने जा रही हूँ
मेरे प्यार को मेरी कमजोरी समझ बैठा वो
जो कभी उसकी ताकद हुआ करता था
उसकी बदनसिबी जो वो उसे ठुकरा गया
उस बेइमान को उसकी औकात दिखाने जा रही हूँ
बेशुमार अपनापन दिखाना आदत थी मेरी
जान पे खेल कर जान बचाना फितरत थी मेरी
मेरी अच्छाईयों ने ही कहानी लिखी मेरी बर्बादी की
उन्हीं अच्छाइयों को तजुर्बे से मात दिलाने जा रही हूँ।
