प्रकृति को समझो
प्रकृति को समझो


फूलों ने बाँटा खुशबू
सागर ने दिया सावन ऋतु।
सूरज ने दिन को उकेरा
और चांद ने दी शीतलता।
वर्षा सूखी धरती की प्यास बुझाती
मधु मक्खी शहद की खान दे जाती।
पेड़ हर मौसम मे अडिग खड़े है
समय से फल, फूल और शुद्ध हवा देते है।
प्रकृति है हमारी गुरु
देखकर इसको सीखो तुम।
जीवन देने का है नाम
दूर रखो सब स्वार्थ के भाव।
क्षण की ताकत को समझो
मेहनत करना भी सीखो।
नदियों की तरह आगे देखो,
पेड़ों की तरह अपनी जमीन से जुड़ों।