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Pushpa Srivastava

Others

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Pushpa Srivastava

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नियति

नियति

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नियति है बहुत ताकतवर

भेजती है हमें बहुत सोचकर

तराजू में अच्छे से वो तोलकर

धरा पर भेजती अपने में ढालकर।


आसान नहीं है उसके अनुसार चलना

उसके पदचिन्हों पर साथ हो चलना

मुश्किल है नई खोज व सोच में ढलना

उसके अनुसार योगदान देना अपना।


जिंदगी कभी शब्दों से नहीं भरती

कभी भावनाओं से ये नहीं भरती

ये कभी कर्मों से भी नहीं भरती

ये केवल भाग्य अनुसार ही चलती।


जन्म से मरण तक हमें झूले झुलाती

कभी ऊपर लाती कभी नीचे ले जाती

सरल है पर जिंदगी खेल नहीं होती

कभी हंसाती है तो कभी हमें रुलाती।


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