मोहे पिया मिलन की आस
मोहे पिया मिलन की आस
तुम कह गए थे की मैं आऊंगा
मेरा इंतजार करना
आस लगाये मैं भी थी
की तुम अब लौटोगे
सूनी सेज आज भी सूनी है
तुम कहते थे मैं तुम्हारा
पहला प्यार नहीं
संशय से मैंने पूछा की कौन
है पहला गर मैं हूँ दूजा
उस मुस्कराहट पर मैं वारी गई
जब तुमने कहा मातृभूमि
मेरा पहला प्यार औ पूजा
गर्व से मैं भर गई थी
मन में की तुम्हारी पूजा
उस रात की बात अभी बाकी है
पिया मिलन की आस अभी बाकी है
शत्रु से तुम लड़ रहे हो
कर्म पूरा कर रहे हो
पल - पल मन घबराता है
मन ईश्वर से तुम्हारी खैर मनाता है
आज हाथ की मेरी चूड़ी क्या चटकी
मन में एक कोई बात आ अटकी
रात कैसी निकली खबर नहीं
दिन में तुम आ रहे इसकी खबर लगी
सब शृंगार किया मैंने तुम्हें मिलने की आस में
तुम लौटे पर तिरंगे में लपटे एक खास से
अश्रू भी न बहा सकी की छबी
तुम्हारी आँखों में जो थी बसी
पिया मिलन की आस
बस आस बन कर रह गयी
धन्यवाद