मेरी आवाज़
मेरी आवाज़
यह मेरे एहसास की आवाज़
क्यों बदलते रहते मेरे जज़्बात।
काश मैं इन्हें होने दूँ कामयाब
मेरी ज़िंदगी होजाए लाज़वाब।
आज भी मेरे दिल में
अपने दर्द छुपाये रखती हूं
हालाते होती है क्या
कहने में यह डरती हूँ।
काश मैं एक बेटी न होती
तो इतनी बाधाएं न होती।
मेरी आवाज़ कोई काश सुने
मैंने भी कई सपने है बुने।
सुना है मेरे आने से
खुशियाँ आती है
पर मुझे यह बात झूठी लगती है।
मुझे भी चाहिए वही प्यार
फिर भी क्यों अनदेखी करती है संसार।
कुछ सवाल मुझे करती है हैरान
ख्यालो में रहती हूँ परेशान।
लोग मुझे समाज पर एक कलंक समझते
उनकी हैवानियत से बिलकुल भी नही डरते।
मैं एक शक्ति हूँ
अगर प्यार जानती हूं तो
विनाश भी जानती हूं।
एक दिन अपने दर्द दूर करूँगी
अपने लक्ष्य को अवश्य पूरा करूँगी।