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Nikhil 54

Inspirational

4.7  

Nikhil 54

Inspirational

मैं बिहार हूं

मैं बिहार हूं

2 mins
972


मां सीता की धरती हूं, बुद्ध का हुंकार हूं 

बद्धाल हूं, कंगाल हूं, में बिहार हूं।

पहला गणतंत्र सीखने वाला,

अहिंसा का मंत्र बताने वाला, महान अशोक की धरती हूं

बेकार हूं, बेरोजगार हूं, में तुम्हारा बिहार हूं।


अंग्रेजो से तो स्वंत्रत हूं मैं, पर अपनों से परतंत्र हूं मै,

राष्ट्र कवि का धरती हूं, अशिक्षित हूं, बीमार हूं,

मैं तुम्हारा अपना बिहार हूं।

गंगा के लहरों में हूं मै, गांव - गली शहरों में हूं मैं, 


स्वच्छ वतन को करने वाला,

खुद ही कूड़े का अंबार हूं मैं, तुम्हारा बिहार हूं मैं।

नाली में रहने वाला, गाली रोज़ सुनने वाला 

चाणक्य नीति का दर्पण हूं मैं,

हर तिरस्कार का किरदार हूं में, बिहार हूं मैं।


विद्यापति के गीतों में, बिस्मिल्लाह के संगितों में,

दिनकर के छंदों में हूं मैं, क्रांति के वेदों में हूं मैं, 

लाचार हूं, खुद्दार हूं, मैं बिहार हूं।

कब तक ये ज़हर पिएंगे? कब तक हम यूहीं जिएंगे ?

नौजवानों को मुद्दों से और कितना भटकाओगे,


विकास विकास चिल्लाने वाले, मेरे घर कब आओगे ?

गुरु गोविन्द की धरती से, उठता एक ललकार हूं मैं,

बिहार हूं मै।

मजदूर मगर मग्रूर भी हूं, ऊर्जा से भरपूर भी हूं,

शहीदों के तस्वीरों में हूं, पास भी हूं, दूर भी हूं,

भारत के प्रदेशों में, दुनियां के हर देशों में, 


लिखता उनका तकदीर भी हूं,

ईश्वर के रूप में मानव हूं और

सबका पलनहराकक हूं, में बिहार हूं।

दिहाड़ी मगर बिहारी हूं, और एक एक पर भारी हूं,

जब तेरा बोझ उठा सकता, क्यों अपना नहीं उठाएंगे ?

तन में, मन में, और जन जन में, एक क्रांति लाएंगे।


आओ अब सब मिलकर बोले हम नया बिहार बनाएंगे।

बहुत हुआ अपमान हमारा, सम्मान का हकदार हूं

मैं तुम्हारा अपना बिहार हूं।

सरहद पर अपना शीश चढ़ाता, हर फैक्ट्री का जान भी हूं,

रेलवे, बैंकिंग, सिविल सेवाओं में रखता अपना पहचान भी हूं 

डॉक्टर हूं, इंजिनियर हूं और जिलाधिकारी हूं

कोई तेरा पहचान जो पूछे, कह देना बिहारी हूं।


टूटा हूं, बिखरा हूं, कई बार संभाला है खुद को,

खुद पर गुमान करो के तुम एक बिहारी हो।

यही मेरी पुकार है तुमसे अब तो सुन लो मेरी इच्छा 

सम्राट अशोक का बिहार दुबारा बनना मैं चाहता हूं।


अब तो जागो, उठो यारो, चलो हम सब मिल ये प्रण करें।

जिस दिन तुमने ये कर दिया, मैं दुबारा मुस्कराऊँगा 

और एक बार फिर से मैं, बिहार बिहार चिलाऊँगा।


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