कोरोना....अतिशय कलिंग सा
कोरोना....अतिशय कलिंग सा
अतिशय कलिंग सा देख,
हुए रिक्त
कोलाहल से भरे
मति- मन के प्याले
थमी हुई दौड़ में
बन शांतिदूत
अब बंधे रहे खुद ही
हर दर- उदर वाले
है अवकाश
स्वधर्म सा...
सरहद में कोई
अब बुद्ध आ यूँ बैठेगा
जो संयम, करुणा के
शक्ति बल से
तोड़ ही देगा
विलाप के सारे ताले !!
