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Nilofar Farooqui Tauseef

Others

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Nilofar Farooqui Tauseef

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खेल तो वक़्त ने खेला

खेल तो वक़्त ने खेला

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खेल तो वक़्त ने खूब खेला है।

भीड़ है मेले की, हर कोई अकेला है।


पल में तोला, पल में माशा होता है

हर पल यहाँ खूब तमाशा होता है

नामे वफ़ा से, सब ने सब को ढकेला है।

वक़्त ने करवट बदलकर, क्या खूब खेल खेला है।


आपा-धापी का ये खेल भी बड़ा निराला है

रंक की कोई पूछ नही, राजा का बोलबाला है

जीवन की पगडंडी में, समय का ही रेला है

वक़्त ने करवट बदलकर, क्या खूब खेल खेला है।


मन जैसा कर्म करे, वैसा ही फल पावे

वक़्त की नैया में, कर्म ही पार लगावे

समय ही बलवान यहाँ, समय का ही रेला है

वक़्त ने करवट बदलकर, क्या खूब खेल खेला है।


हमारी बारी???

ध्यान रख, सब्र कर, वक़्त तेरा भी आएगा

तू अब तक नाच रहा, तू भी नाच नचायेगा

वक़्त की हेरा-फेरी में, बेड़ा पार लगाएगा

तू अब तक नाच रहा, तू भी नाच नचायेगा


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