इतिहास का इतिहास हो जाना
इतिहास का इतिहास हो जाना
तवारीख़ के पन्नों में मैंने कुछ बातों का ख़ास ज़िक्र होते हुए देखा है...
कुछ पन्नों में ज़िक्र था ऐसे भले मानुषों वाली कौम का जो स्वयं को कायनात में पवित्रतम और श्रेष्ठ घोषित करती हुई कुछ लोगों से नफ़रत करती थी!
नफ़रत का आलम और उसकी इंतिहा ये थी की उन्हें उनकी छाया तक गवारा नहीं थी....
उन्हें सड़क पर चलते हुए पीठ पर झाड़ू और गले में मटकी बाँधकर चलने का आदेश था...
पीने को पानी देना तो फिर बहुत दूर की बात थी...
उन भले मानुस वाली कौम का गर हवा पर ज़ोर चलता तो उन्हें हवा से भी मरहूम कर दिया जाता...
और सूर्य देवता पर जोर चलता तो वे धूप को भी खुद के लिए ही रिज़र्व कर लेते...
अगर चाँद की चाँदनी उनके बस में होती तो उन मजबूर लोगों से चाँद का दीदार करने का हक़ भी छीन लेते...
इतिहास तो इन्ही मजबूत कौम के द्वारा ही लिखा गया है...
इतिहास के पन्नों में उन मजबूर लोगों का ज़िक्र डिप्रेस्ड क्लास के नाम से किया गया है...
इन डिप्रेस्ड लोगों का ज़िक्र उन इतिहास के पन्नों में न के बराबर ही होगा न?
इतिहास की किताबों के न जाने कितने ही पन्नें सिकंदर और तुगलक से भरे है...
और तो और महाभारत और रामायण की रंजक कहानियों से भी किताबें भरी है...
लेकिन सदियों से उस डिप्रेस्ड क्लास की उस संघर्षलीन कौम को इतिहास के पन्नों में जगह नही दी गई....
इतिहास के पन्नों से उस डिप्रेस्ड क्लास को भुला दिया जाता है...
लेकिन क्या ऐसा हो पायेगा?
नहीं...
क्योंकि यह डिप्रेस्ड क्लास तो खेत की खरपतवार की मानिंद अपनी जिजीविषा से विपरीत परिस्थितियों में जिंदा रहता है
उन किताबों में उन्हें जगह नही मिली लेकिन टेक्नोलॉजी तो आज डिप्रेस्ड क्लास के उन हाथों मे भी है...
टेक्नोलॉजी की मदद से वह डिप्रेस्ड क्लास अब अपनी हिस्ट्री खुद लिखेगा....
अब नई हिस्ट्री की क़िताबों में ज़िक्र होगा कि सिर्फ़ छाया पड़ने से उनके पुरखे किसी को भी अपवित्र कर सकते थे... उन्हें ग्रहण लग सकता था....
उनके पुरखे इतने पावरफुल थे कि मंदिरों के देवी देवता भी उनके स्पर्श मात्र से ही अपवित्र होते थे...
सरवाइवल की दौड़ में रोटी..पानी के लिए संघर्षरत यह कौम आज तक जिंदा रही...
आगे भी यह संघर्ष करती कौम जिंदा रहेगी और उन सारी ताक़तों से लोहा लेती रहेगी...
डिप्रेस्ड क्लास वाली कौम की यही जिजीविषा इन नयी हिस्ट्री की इबारत में दर्ज होगी....
पुराने इतिहास के बरक्स यह नयी हिस्ट्री बिना किसी भेद भाव से दुनिया में हर हाथ में होगी....