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Sunanda Aswal

Inspirational

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Sunanda Aswal

Inspirational

हिंदी भाषा ज्ञान

हिंदी भाषा ज्ञान

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भाव लिखे लेखन में,हिंदी रहो सुधार,

मात्रा में व्याकरण ,शुद्ध करै साकार..!


गति को दो विराम, अल्प विराम लगाएं

बिंदु धरें पूंछ पर ,प्रश्नवाकच लगाएं..!


रोस, दया,खुशी विसम्याधिबोधक के रंग,

अलंकार, समास भी,व्याकरण के अंग.!


तत्सम्, तदभव्, वचन उचित हैं अनुबंध,

व्याकरण यदि शुद्ध हौं, हिंदी बने संबंध .!


हिंदी भाषा का ना कहीं भी अंत ,

वेद ग्रंथों से सृजन संस्कृत से आरंभ..!


मिले क‌ई रहस्य व रसों के आनंद,

संस्कृत कृपा पात्र की, नदी अरू सिंध.!


हौं विभिन्न भाषा, शैली भी कोई अनेक,

जो चित्त समझे, प्रसन्नता करैं निवेश.!


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