STORYMIRROR

Shreeya Dhapola

Romance

2  

Shreeya Dhapola

Romance

छांव

छांव

1 min
386

मैं भटका हुआ मुसाफ़िर ,तुम बरगद की छांव से

मैं सर्द शामों की कंपकपाहट ,तुम अलाव से

मैं नदिया का बेचैन पानी, तुम शांत समुंदर के बहाव से

मैं किनारे पर बैठा इंतज़ार ,तुम सहारा देते नाव से।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance