बहुत ही चोट वो खाई होगी। बहुत ही चोट वो खाई होगी।
कोई मनचला महबूब उसे मंडप से ही उड़ा ले जाता है। कोई मनचला महबूब उसे मंडप से ही उड़ा ले जाता है।
मेरे पास घरौंदा है बांहों का तू कसमसाहट तो पास कर आने की, मेरे पास घरौंदा है बांहों का तू कसमसाहट तो पास कर आने की,
ना ठोह कुछ ख़ुद कि ख़बर नहीं कब आयेगा अंतकाल ! ना ठोह कुछ ख़ुद कि ख़बर नहीं कब आयेगा अंतकाल !
ख़ूब घात किए है इस धरती पर तूने अब इसे भुगत ये उऋण होने की क्रिया है। ख़ूब घात किए है इस धरती पर तूने अब इसे भुगत ये उऋण होने की क्रिया है।