फिर नई सुबह को, तुमसे मिलके बिछड़ने को, मैं फिर वही चली जाती हूँ। फिर नई सुबह को, तुमसे मिलके बिछड़ने को, मैं फिर वही चली जाती हूँ।
ना ठोह कुछ ख़ुद कि ख़बर नहीं कब आयेगा अंतकाल ! ना ठोह कुछ ख़ुद कि ख़बर नहीं कब आयेगा अंतकाल !