उमड़ता पितृत्व (पिता)
उमड़ता पितृत्व (पिता)
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मेरे पास प्रेम है तुझे देने को
तू चाहत तो कर उसे पाने की,
मेरे पास समाधान है तेरी हर उलझन का
तू साहस तो कर उसे बताने का,
मेरे पास घरौंदा है बांहों का
तू कसमसाहट तो पास कर आने की,
मेरे पास गठरी है अतुलनीय अनुभावों की
तू फ़िर शिशुता से कोशिश तो कर उसे
खुलवाने की,
मेरे पास दो मजबूत कांधे है
तुझे सैर कराने को,
तू अपनी उंगलियां नीली स्क्रीन से हटाकर
आख़िर कभी तो साज़िश कर
मेरे साथ सारे आसमान को घूम आने की....
