अमीरी और गरीबी
अमीरी और गरीबी
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हम मेहनत करे, तो थके है तन, फिर नींद सताती है
तुम आराम करो और करते जाओ, फिर नींद न आती है
हम घर की चिंता कभी न करते, सोने को है मचान
तुम घर पर रहके चिंता करते, हो T.V. फ्रिज़ सामान
दिन भर तपते धूप में हम, ये हमें जलाती है
तुम डरते हो गर्मी से,घर में धूप जो आती है।
हवा चले जब गर्मी में, वो हमें लुभाती है।
चले तुम्हारा A.C., ठंडी हवा बयाती है।
भूख लगे ये हम सबकी एक बड़ी बीमारी है
भूख नही लगती तुमको और दवा भी जारी है
नदी किनारे रहते हैं हम, बाढ़ भी आती है
यहाँ मनाओ पिकनिक तुम, ये तुम्हें लुभाती है।