आशिकी
आशिकी
नशा तो जाम मे होता है
और हम तेरे हुस्न का जाम
पीना चाहते है
साँसें तो बस खुदा की रहमत है
हम तेरे प्यार मे मरकर
जीना चाहते हैं
इस दुनिया से बैगाने होकर
तुझे अपना बनाना चाहते हैं
तेरे साये मे अपनी रूह उलझा कर
बेइन्तहा मोहब्बत जताना चाहते है।

