कब तक लकीर के फकीर होते रहोगे दकियानूसी परंपराओं को ढोते रहोगे ! कब तक लकीर के फकीर होते रहोगे दकियानूसी परंपराओं को ढोते रहोगे !
जिसमें चाँदनी ने दिया हो तन्हाई का आगाज़ उजाला चाँद और चाँदनी सब हो एक साथ! जिसमें चाँदनी ने दिया हो तन्हाई का आगाज़ उजाला चाँद और चाँदनी सब हो एक साथ!
नई नवेली दुल्हन सी सजी धरती रूप अनोखा छाया है! नई नवेली दुल्हन सी सजी धरती रूप अनोखा छाया है!
मेरा समाज जाग चुका है , वैष्णव बैरागी समाज उत्थान का. मेरा समाज जाग चुका है , वैष्णव बैरागी समाज उत्थान का.
पिंजरे मे कैद पंछी, आजाद हो रहा है तजुर्बा लेकर आज आसमान छू रहा है. पिंजरे मे कैद पंछी, आजाद हो रहा है तजुर्बा लेकर आज आसमान छू रहा है.
तुलसी महज पौधा नहीं गुणों की खान है. तुलसी महज पौधा नहीं गुणों की खान है.