कथनी करनी में भेद से जो जो भी डर रहा है, आँखें फाड़कर देख लीजिए हर ओर धक्के ही खा रहा कथनी करनी में भेद से जो जो भी डर रहा है, आँखें फाड़कर देख लीजिए हर ओर धक...
क्या-क्या गिनाऊं दीदी दिल से नमन करती हूं। क्या-क्या गिनाऊं दीदी दिल से नमन करती हूं।
क्यों ना अर्धनारीश्वर स्वरूप को हम भी करें सहर्ष स्वीकार क्यों ना अर्धनारीश्वर स्वरूप को हम भी करें सहर्ष स्वीकार
फिर खुद को सम्मानित महसूस करती हूँ। फिर खुद को सम्मानित महसूस करती हूँ।
बे मौसम बरसात बहुत है। कर्जे की सौगात बहुत है। बे मौसम बरसात बहुत है। कर्जे की सौगात बहुत है।
तभी आया एक कालेज का लड़का, समझ गया, उनकी करतूत, तभी आया एक कालेज का लड़का, समझ गया, उनकी करतूत,