प्रेममयी व्यवहार की आधारशिला पर दाम्पत्य जीवन की श्रृंगारिक प्रस्तुति... प्रेममयी व्यवहार की आधारशिला पर दाम्पत्य जीवन की श्रृंगारिक प्रस्तुति...
जो पवित्र कर देता है अपनी आभा से मुझे हर बार, बार-बार ! जो पवित्र कर देता है अपनी आभा से मुझे हर बार, बार-बार !
प्रेम विवाह की बात अलग दोनों एक दूसरे को जानते है अच्छी तरह प्रेम विवाह की बात अलग दोनों एक दूसरे को जानते है अच्छी तरह
हो सहायक एक- दूजे के ध्यान रखना ही है सदा, कृपा दृष्टि प्रभु की रहे रघु-कंचन पर सर्वदा हो सहायक एक- दूजे के ध्यान रखना ही है सदा, कृपा दृष्टि प्रभु की रहे रघु-कंचन ...
समर्पण और प्रेम संबंध समय के साथ बदलते रहते है समर्पण और प्रेम संबंध समय के साथ बदलते रहते है
पूरी होवें मनोकामनाएं कृपा प्रभु की रहे, प्रभु विनती" धनपति "की यह स्वीकार हो। पूरी होवें मनोकामनाएं कृपा प्रभु की रहे, प्रभु विनती" धनपति "की यह स्वीकार हो...