As well as an Pen-Artist, I am a Writer of emotions...
पर अब पहली बार उनको समझ नहीं आ रहा था कि वो अपने पीकू को गोदी में उठायें, तो भला कैसे? पर अब पहली बार उनको समझ नहीं आ रहा था कि वो अपने पीकू को गोदी में उठायें, तो भला...
उसके बेसुध होठ धीरे से बस इतना ही बुदबुदा पाये-“मेरा तो रिज़र्वेशन था न!” उसके बेसुध होठ धीरे से बस इतना ही बुदबुदा पाये-“मेरा तो रिज़र्वेशन था न!”
ख्याल ही ख्याल में हर लमहा गुजरने पर मैं एक-एक कदम उसकी ओर बढ रहा था । ख्याल ही ख्याल में हर लमहा गुजरने पर मैं एक-एक कदम उसकी ओर बढ रहा था ।
चल पड़ी... न जाने किधर... न जाने किससे कुछ कहने से बचने के लिए... ... चल पड़ी... न जाने किधर... न जाने किससे कुछ कहने से बचने के लिए... ...
चार इंसानी मौतें... वो भी जंगल के बेजान पेड़ों को बचाने के लिये चार इंसानी मौतें... वो भी जंगल के बेजान पेड़ों को बचाने के लिये
और मुस्कुराने का हुनर केवल राजनीति के सीने पर जड़े बटनों को ही है ! और मुस्कुराने का हुनर केवल राजनीति के सीने पर जड़े बटनों को ही है !
खिड़की से ही रत्नेश ने देखा, कार के पीछे लिखा हुआ था ‘इंडियन आर्म्ड फोर्सेस’! खिड़की से ही रत्नेश ने देखा, कार के पीछे लिखा हुआ था ‘इंडियन आर्म्ड फोर्सेस’!
दर्द की बजाय रानू चाचा के बदन पर पड़ती हर चोट का दर्द ज्यादा महसूस कर रही थी ! दर्द की बजाय रानू चाचा के बदन पर पड़ती हर चोट का दर्द ज्यादा महसूस कर रही थी !
देश के भीतर एक बार फ़िर से लम्बी बहस का बड़ा ही शांतिप्रिय हल प्रेम के प्याले परोसने के मंचन के साथ ही... देश के भीतर एक बार फ़िर से लम्बी बहस का बड़ा ही शांतिप्रिय हल प्रेम के प्याले परोस...
प्रभा के निर्जीव हो चुके बदन की गर्दन एक ओर को झूल चुकी थी। प्रभा के निर्जीव हो चुके बदन की गर्दन एक ओर को झूल चुकी थी।