Ashish Anand Arya
Literary Brigadier
AUTHOR OF THE YEAR 2021 - NOMINEE

88
Posts
95
Followers
2
Following

As well as an Pen-Artist, I am a Writer of emotions...

Share with friends
Earned badges
See all

दौलत जाने से हाथों में जख्म गहरे पड़ गये अपने-अपने नकाबों से सब चेहरे बदल गये! सूनसान तो वैसे आज भी सारा मुहल्ला था गरीब देख मुझे सब साहूकार चेहरे में ढल गये!

Whenever it is love On my lips it is you Whenever it is me You are totally True Whatever life get pace Accredited none new For all My Heartbeats Remedies lies with you Amazingly Beautiful It's mine only you!

इश्क़ की इबादत हुई गम सब ही गुमनुमा हुए छुअन के अश्आर माहिर अहसास सब खुशनुमा हुए माहिर मुरादों से उनकी जिंदगी में हम दुआ हुए दीवानगी के साहिल पर मुहब्बत में हम खुदा हुए!

जितनी ख़ामोशी चेहरे पर लज्जाती है सूरत उतना काबिल अखबार हो जाती है इश्क़ पढ़ने वाले भी क्या किरदार होते हैं मुस्कुराहटों से खबर सरे-बाजार हो जाती है!

फिर इन्तजार में ऐसा कटा दिन रात का कुछ बंदोबस्त ही न हुआ! जीना कुछ ऐसा बेदर्द हुआ मुझे कि दर्द होने का ये दर्द ही न हुआ!!

दुनिया की कलाबाजियों से जख्मी जिंदगी में रोज नए खयालात होते हैं...! दिल के झरोखे भीतर से यूँ देते मात यादों के बड़े ही गहरे हालात होते हैं...!!

मेरी बाँहों की उनसे बात... जिंदगी ने तब से कुछ तो करामात की है बाँहों ने उन्हें सीने में भर जो बात की है...! अजब निशाना ये गजब आदमी का है दिल ने दिल का होने की वारदात की है...!

छुआ कुछ ऐसे खुलती आँखों से आपने सुबह हुई सुकून! बाँहों में कैद होने को आशिक़ बेताब आप ही जुनून!


Feed

Library

Write

Notification
Profile