समझ
समझ
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इस तरह शौक
ना पूरा कीजे
हमारा घर फूंक के
ना रोशनी कीजे।
है अमावस तो
थोड़ा इंतज़ार सही
मौसम है बदलेगा
थोड़ा इंतज़ार कीजे।
वो झुके तो सजदा
ना झुके तो बे-अदबी
सलीके दिल की जुबा हैं
थोड़ा सबर कीजे।
वह तो बच्चा है फितरती है
मचलजाना खिलौनों के लिए
आप समझदार हैं
वक्त का एहतराम कीजे।
इस तरह शौक
ना पूरा कीजे
मौसम है बदलेगा
थोड़ा इंतज़ार कीजे।