नावेद की आँखें फ़िर बंद होने लगी ......उठ मेरे यार आँखें मत बंद कर झंझोड़ कर फिर ऑंखें खोलवाता है नावेद की आँखें फ़िर बंद होने लगी ......उठ मेरे यार आँखें मत बंद कर झंझोड़ कर फिर...
रुख़सार के तो जैसे सपने ही टूट गए थे , बस एक ही सवाल उसके मन मे घुमड़ रहा था .... क्या अब अम्मा की ब... रुख़सार के तो जैसे सपने ही टूट गए थे , बस एक ही सवाल उसके मन मे घुमड़ रहा था .......
बसंत समझ गया था मनवीर तो नहीं बचा होगा, उसने देखा मंदिर में से एक बुजुर्ग ने उसकी तरफ इशारा किया है,... बसंत समझ गया था मनवीर तो नहीं बचा होगा, उसने देखा मंदिर में से एक बुजुर्ग ने उसक...
लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास
मेरा जवाब भी नहीं पढ़ा और वादा खिलाफी भी कर दी मेरा जवाब भी नहीं पढ़ा और वादा खिलाफी भी कर दी