तबसे आजतक ज़ब कभी मखाने की खीर बनती है यह घटना ज़रूर याद आती है। तबसे आजतक ज़ब कभी मखाने की खीर बनती है यह घटना ज़रूर याद आती है।
तुम्हारी माँ ने गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत के खोजकर्ता न्यूटन से अनुमति लिए बिना ही मुझे हवा में उछाल दि... तुम्हारी माँ ने गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत के खोजकर्ता न्यूटन से अनुमति लिए बिना ही ...
उलझे पंथ सुलझ चुके थे। रसोई में भी तीनों बहुएँ मिलकर रोटियाँ सेकती हुई भोजन परोस रही थीं। हर तरफ ख़ु... उलझे पंथ सुलझ चुके थे। रसोई में भी तीनों बहुएँ मिलकर रोटियाँ सेकती हुई भोजन परोस...
"ये खुद सामान नहीं मँगा सकती क्या । पास ही तो बनिए की दुकान है। फ़ोन भर ही करना है !" पत्नी ने हमें... "ये खुद सामान नहीं मँगा सकती क्या । पास ही तो बनिए की दुकान है। फ़ोन भर ही करना ...
कैसे बांटेंगे उन आँसुओं को, जो छलक आये थे अपनी वर्षों की तपस्या का यह फल देखकर कैसे बांटेंगे उन आँसुओं को, जो छलक आये थे अपनी वर्षों की तपस्या का यह फल देखकर
दुनियाँ में पैसे का महत्व संतुष्टी से ज्यादा है। सेवा संतोषजनक हो या न हो पर पैसा संतोषजनक होना चाहि... दुनियाँ में पैसे का महत्व संतुष्टी से ज्यादा है। सेवा संतोषजनक हो या न हो पर पैस...