मुझे तो अहसास ही नहीं था अभी तक उन्हें हमसे कितना लगाव है सच असली मज़ा तो अपनों, अपने परिवार के साथ ... मुझे तो अहसास ही नहीं था अभी तक उन्हें हमसे कितना लगाव है सच असली मज़ा तो अपनों,...
मेरी ही अवहेलना करने वाले इस निर्णय पर क्योंकि आख़िरकार मैं भी शायद यही चाहती थी। मेरी ही अवहेलना करने वाले इस निर्णय पर क्योंकि आख़िरकार मैं भी शायद यही चाहती थी...
अनिल सोचता हुआ घर की सीढियां चढ़ने लगा। अनिल सोचता हुआ घर की सीढियां चढ़ने लगा।
मैं आजकल अपने ऐसे ही कार्यों को पूर्ण कर रही हूँ। मैं आजकल अपने ऐसे ही कार्यों को पूर्ण कर रही हूँ।
शक्ति के रूप में चमक गई होगी और विनाश के बल में बदल गई थी। किससे कहा है ? शक्ति के रूप में चमक गई होगी और विनाश के बल में बदल गई थी। किससे कहा है ?
लेखक : सिर्गेइ पिरिल्यायेव अनुवाद : आ. चारुमति रामदास मेरी परदादी - नताशा लेखक : सिर्गेइ पिरिल्यायेव अनुवाद : आ. चारुमति रामदास मेरी परदादी ...