सदैव प्रसन्न रहिये, जो प्राप्त है, पर्याप्त है। सदैव प्रसन्न रहिये, जो प्राप्त है, पर्याप्त है।
शक्ति के रूप में चमक गई होगी और विनाश के बल में बदल गई थी। किससे कहा है ? शक्ति के रूप में चमक गई होगी और विनाश के बल में बदल गई थी। किससे कहा है ?