तीन दोस्त
तीन दोस्त
पिंकू, चिंटू और सनी तीनों बहुत अच्छे दोस्त थे। तीनों रोज घर के पास वाले गार्डन में खेलने जाया करते थे। वहाँ पर और भी बहुत बच्चे खेलने आते थे। पिंकू सीधा, कम बोलने वाला, चिंटू छोटी छोटी बात में गुस्सा करने वाला झगड़ालू और सनी जो जैसा रहता उसके साथ वैसा ही व्यवहार करने वाला लड़का था।
तीनों अलग होने के बावजूद भी अच्छे दोस्त थे। आपस में खेलते झगड़ते, रुठ जाते पर फिर से दोस्त बन जाते। एक दिन तीनों गार्डन में खेल रहें थे, कुछ बच्चों को शरारत सूझी सोचा इन तीनों की पक्की दोस्ती को तोड़ते हैं। एक बच्चें डीकू ने जाकर पिंकू से कहा “पिंकू! चिंटू मुझे बोल रहा था कि पिंकू तो डब्बू हैं,बोलते भी नहीं आता उसे मेरा कोई पक्का दोस्त नहीं हैं पिंकू।”
डीकू ने चिंटू के पास जाकर कहा “ चिंटू! सनी तुझे आग का गोला कहकर हंसी उड़ाता हैं सबके सामने बोलता हैं वो झगड़ालू मेरा पक्का दोस्त नहीं हैं।”
डीकू की बात सुनकर पिंकू बहुत उदास हो गया। चिंटू तो गुस्से में और मुंह फूलाकर बैठ गया। जब सनी चिंटू और पिंकू से साथ में खेलने का बोलता तो दोनों मना कर देते। पूछने पर दोनों में से कोई कुछ नहीं बोलता। सनी को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें।
फिर एक दिन डीकू ने सनी के पास जाकर बोला “ सनी! पिंकू और चिंटू तो तेरी दोस्ती के लायक ही नहीं हैं, तू कितना समझदार हैं, चिंटू का तो दिमाग ही नहीं चलता हैं बोलना ही नहीं आता उसे। और चिंटू तो उससे भी बड़ा बुद्धू हैं, बिना बात सुने झगड़ता रहता हैं। वो किसी की दोस्ती के लायक ही नहीं हैं। सनी तू हमारे साथ खेलना अब से बड़ा मजा आएगा।
डीकू की बात सुनकर सनी को लगा कि कहीं कुछ गड़बड़ हैं उसने डीकू की बातों का कोई जवाब नहीं दिया तुरंत जाकर चिंटू और पिंकू को अपने साथ गार्डन लेकर आया और दोनों से डीकू के बारे में कहा। चिंटू और पिंकू ने डीकू के द्वारा कहीं सभी बातें सनी को बता दी। तीनों समझ गये कि डीकू ने झूठ बोलकर उनकी दोस्ती को तोड़ने की कोशिश की थी।
पिंकू और चिंटू दोनों ने एक दूसरे से माफी मांगी। सनी ने कहा “ कोई कुछ भी हम दोस्तों के बारे मे कहे हमें उसकी बातों पर विश्वास करने के बजाय एक दूसरे से बात करना चाहिए।”
सनी की समझदारी से तीनों दोस्त फिर से एक हो गये।
बच्चों, हमे किसी की कहने में नहीं आना चाहिए, दोस्तों पर विश्वास रखकर सीधे उनसे बात करें और अपनी समझदारी से काम लेना चाहिए।