श्यामा झुकती है पैर छूने के लिए माँ उसे गले लगा लेती है।
सोना कितना भी पुराना हो कीमती ही होता है और हाथी के दांत दिखाने के और खाने के और ही होत
मैंने कहा नहीं तुम्हारे बाबु जी की तबीयत ठीक नहीं है मेरा टिकट करवा दो जितनी जल्दी हो स
भटकती रही यहां से वहां कि किसी दिन उसे उसका बेटा मिल जाएगा।
आज भी जब सब मिलकर इस किस्से को याद करते हैं तो हंस-हंसकर लोटपोट हो जाते हैं।
हम भी मजे से चहलक़दमी में लग गये थे।