आंखों में पले कुछ ख्वाबों को, ढूंढ रही थी मैं रंग बिरंगे सपनों को, जो टूट गए थे, ढू आंखों में पले कुछ ख्वाबों को, ढूंढ रही थी मैं रंग बिरंगे सपनों को, जो ट...
बहुत याद आते हैं वो बिताए पल, जब खूब मिलते थे सब संग संग, वो मां का लाड़, पापा का प्या बहुत याद आते हैं वो बिताए पल, जब खूब मिलते थे सब संग संग, वो मां का लाड़, प...
बिखरे हुए अल्फ़ाज़ों को पिरोया जाए, सोचा एक सूत्र में पिरो कर नज़्म बनाई जाए, लिखने से बिखरे हुए अल्फ़ाज़ों को पिरोया जाए, सोचा एक सूत्र में पिरो कर नज़्म बनाई जाए, ...
आधी रातों की वें आधी बातें आधी बातों के वें अधूरे किस्से, अधूरे किस्सों के थमे हुए सि आधी रातों की वें आधी बातें आधी बातों के वें अधूरे किस्से, अधूरे किस्सों के थमे...
“मेरी कनिका" फटे हुए पर्दो में उलझ जाती है, जब मै “कर्जदारों” से मिल जाती हूं। “मेरी कनिका" फटे हुए पर्दो में उलझ जाती है, जब मै “कर्जदारों” से मिल जाती हूं...
बहुत कुछ पीछे छूट गया क्या वहाँ जा के कोई गलती सुधार ली जाये. बहुत कुछ पीछे छूट गया क्या वहाँ जा के कोई गलती सुधार ली जाये.