गुजरे बीते पल
गुजरे बीते पल
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बहुत याद आते हैं वो बिताए पल,
जब खूब मिलते थे सब संग संग,
वो मां का लाड़, पापा का प्यार,
वो बहन का स्नेह, भाई का सम्मान।
वो भाई से बात-बात पर लड़ना,
वो पापा की डांट से डरना,
वो मां के लाड़ से बिगड़ना,
वो बहन की सलाह से संभलना,
बहुत याद आते हैं वो बिताए पल।
पर वक्त कैसे.गुजरा, पता न चला,
कब कौन, कैसे कैसे बदला,
अनुमान ही ना लगा,
वक्त की आंधी में सब बिखर गया,
हर वो अपना सा खून का,
रिश्ता कसौटी से गुजर गया।
