उस पार तक जाने की चाह एक अनबूझ पहेली उस पार तक जाने की चाह एक अनबूझ पहेली
अपने हाथों को फैला, खुल कर साँस ले अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर अपने हाथों को फैला, खुल कर साँस ले अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर
कटु यथार्थ से रोज़ टकराते संघर्षों और विरोधाभासों से खेलते कटु यथार्थ से रोज़ टकराते संघर्षों और विरोधाभासों से खेलते