विश्व-शांति की मांग करता कवि, सब के मन में प्रेम, सद्भाव और अपनेपन का एहसास हो, यही कामना कर रहा है.... विश्व-शांति की मांग करता कवि, सब के मन में प्रेम, सद्भाव और अपनेपन का एहसास हो, ...
अंश हूँ वसुधेव कुटुम्बकम् वासी मैं अपने भारत का। अंश हूँ वसुधेव कुटुम्बकम् वासी मैं अपने भारत का।
इस वंश में पुरुरवा आदि बड़े बड़े पवित्रकीर्ति राजा हुए। इस वंश में पुरुरवा आदि बड़े बड़े पवित्रकीर्ति राजा हुए।
प्रेम का राग मधुर सुना दे कर मन पावन। प्रेम का राग मधुर सुना दे कर मन पावन।
उन्होंने धर्मों का वर्णन किया मनुष्यों के तथा समस्त वर्णों के। उन्होंने धर्मों का वर्णन किया मनुष्यों के तथा समस्त वर्णों के।
बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है। बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।