अंश हूँ वसुधेव कुटुम्बकम् वासी मैं अपने भारत का। अंश हूँ वसुधेव कुटुम्बकम् वासी मैं अपने भारत का।
इस वंश में पुरुरवा आदि बड़े बड़े पवित्रकीर्ति राजा हुए। इस वंश में पुरुरवा आदि बड़े बड़े पवित्रकीर्ति राजा हुए।
प्रेम का राग मधुर सुना दे कर मन पावन। प्रेम का राग मधुर सुना दे कर मन पावन।
उन्होंने धर्मों का वर्णन किया मनुष्यों के तथा समस्त वर्णों के। उन्होंने धर्मों का वर्णन किया मनुष्यों के तथा समस्त वर्णों के।
वर्ण के नाम पर आरक्षण ..... वर्ण के नाम पर आरक्षण .....
मेरे विचारों को कविता के रूप में आप तक पहुँचाती है। "हिन्दी भारत की आन और शान है, मेरे विचारों को कविता के रूप में आप तक पहुँचाती है। "हिन्दी भारत की आन और शा...