ज़िन्दगी तड़प किस युग तारा बनाकर रख ली स्नेह अपनी प्रेम में जन्म मेरे बेटे को ले गई मान ली ख्वाब आंख दूसरी दुनिया की एलियन "धरती की तो हमने तकसीम कर ली मगर क्या आसमान को भी हम बाँट पाएँगे" ली हो तुम। ताल पलकें निहार बेचैन जीवन

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