सुनो ना,कुछ शिकायतें हैं मुझे चलो उस पर बातें करते हैं। सुनो ना,कुछ शिकायतें हैं मुझे चलो उस पर बातें करते हैं।
आँसू की इन बूंदों में तुम ओ प्यारी बच्ची बह चली हो, क्रूर शोषण से बचाने के लिए अब आँसू की इन बूंदों में तुम ओ प्यारी बच्ची बह चली हो, क्रूर शोषण से बचाने क...
आँखों के समुंदर के किनारों की भीनी माटी में सपने सींचते थे चेतन अंकुरण को! आँखों के समुंदर के किनारों की भीनी माटी में सपने सींचते थे चेतन अंकुरण को!
"धरती की तो हमने तकसीम कर ली मगर क्या आसमान को भी हम बाँट पाएँगे" "धरती की तो हमने तकसीम कर ली मगर क्या आसमान को भी हम बाँट पाएँगे"
मेरे बेटे को मुझसे छीन के ले गई। मुझे तड़पने के लिए छोड़ दी। मेरे बेटे को मुझसे छीन के ले गई। मुझे तड़पने के लिए छोड़ दी।