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मान ली आंख जीवन तारा बनाकर रख ली हथेली किस युग ली हो तुम। अपनी पलकें स्नेह प्रेम मेरे बेटे को ले गई "धरती की तो हमने तकसीम कर ली मगर क्या आसमान को भी हम बाँट पाएँगे" ताल निहार दूसरी दुनिया की एलियन ख्वाब बेचैन मन में जन्म

Hindi ली Poems