जहां ज़िद हो तो सिर्फ़ एक खिलौने की बेट- बॉल की या उस नन्ही सी गुड़िया की जहां ज़िद हो तो सिर्फ़ एक खिलौने की बेट- बॉल की या उस नन्ही सी गुड़िया की
मैं जो चली जाऊँ घर से तो मुझे भूल ना जाना माँ-पापा के बाद भाईयों से ही तो है मायके का घराना।। मैं जो चली जाऊँ घर से तो मुझे भूल ना जाना माँ-पापा के बाद भाईयों से ही तो...
वो बचपन आज भी याद आता है सपनों में यदा कदा दिख जाता है ये था हमारा प्यारा सा बचपन वो बचपन आज भी याद आता है सपनों में यदा कदा दिख जाता है ये था हमारा प्यारा सा ब...
वीर शहीदों की कुर्बानी याद करके दोहरानी है। शत शत नमन सभी करते हैं। ये गाथा सबको दोहरानी है। वीर शहीदों की कुर्बानी याद करके दोहरानी है। शत शत नमन सभी करते हैं। ये गाथा स...
मैं जानता था कठिन है पर मुझे लड़ना था अपने को एकाग्र करना था कुछ भी तो करना था मैं जानता था कठिन है पर मुझे लड़ना था अपने को एकाग्र करना था कुछ भी तो करना था