अपने मस्तक को आराम देती हो और किसी के स्वप्न में लीन हो जाती हो। अपने मस्तक को आराम देती हो और किसी के स्वप्न में लीन हो जाती हो।
ज़माने की नज़र में कुछ भी हूँ मैं, पर अब ज़िंदगी से भरपूर नज़र आती हूँ मैं। ज़माने की नज़र में कुछ भी हूँ मैं, पर अब ज़िंदगी से भरपूर नज़र आती हूँ मैं।
इश्क़ आसान रोग नहीं जो सबको लग जाये ! इश्क़ आसान रोग नहीं जो सबको लग जाये !
चाँदनी रात में रतजगा... चाँदनी रात में रतजगा...
मन देखन चाहे बारम्बारी गज़ब देहन है पावक नारी। मन देखन चाहे बारम्बारी गज़ब देहन है पावक नारी।