तन पर उसके जीर्ण - शीर्ण वस्त्र, जैसे सूखा पेड़ बिन पत्र तन पर उसके जीर्ण - शीर्ण वस्त्र, जैसे सूखा पेड़ बिन पत्र
अब तुम आवोगे हमरे गावंन में उहें मिलकर सबे आतम निर्भर बनेंगे। अब तुम आवोगे हमरे गावंन में उहें मिलकर सबे आतम निर्भर बनेंगे।
ये एक ही ज़िंदगी में कई ज़िंदगियाँ जी लेती है। ये एक ही ज़िंदगी में कई ज़िंदगियाँ जी लेती है।
ये सबक सिखलाती है लालबत्ती। ये सबक सिखलाती है लालबत्ती।
मेहनतकश मुसाफ़िर की होती मंज़िल दूर नहीं। मेहनतकश मुसाफ़िर की होती मंज़िल दूर नहीं।
तो होगा शहर का गया गुजरा इलाका, ऐसा है हमारा मेहनतकश। तो होगा शहर का गया गुजरा इलाका, ऐसा है हमारा मेहनतकश।