देखा समय को जब भी देखा अस्त व्यस्त और मनमौजी देखा। देखा समय को जब भी देखा अस्त व्यस्त और मनमौजी देखा।
हम तो मनमौजी हैं अपने मन की करते हैं। हम तो मनमौजी हैं अपने मन की करते हैं।
अब तो उमंग में हैं हम, क्योंकि हम हैं मनमौजी अब तो उमंग में हैं हम, क्योंकि हम हैं मनमौजी
कोयल सा कूकता प्यारा बचपन, खुशियों को ढूूंढता न्यारा बचपन । कोयल सा कूकता प्यारा बचपन, खुशियों को ढूूंढता न्यारा बचपन ।
हिचक-हिचक रोता है छुपकर, यादों के अंधियारे में, कब होगा नया सवेरा।। हिचक-हिचक रोता है छुपकर, यादों के अंधियारे में, कब होगा नया सवेरा।।
तुम हो भी कितने मनमौजी, कभी आधे आते हो, कभी पूरे और कभी तो आते ही नहीं हो और लोग तुम्हारे इस अंदा... तुम हो भी कितने मनमौजी, कभी आधे आते हो, कभी पूरे और कभी तो आते ही नहीं हो और ...