हम मनमौजी
हम मनमौजी
हम तो मनमौजी हैं
अपने मन की करते हैं।
सुनते सबकी करते मन की इसीलिए मनमौजी हैं ।
गलत बात को सही कहना हमने सीखा नहीं।
गलत बात को हमने किसी की माना नहीं।
अपने निज पर कुठाराघात किसी को करने दिया नहीं।
हमेशा करते मन की इसी सिद्धांत पर चले ।
ना हमने किसी को दुख दिया,
किसी की बात से दुखी होना हमने सीखा नहीं।
किसी की बात से अपना पथ छोड़ना हमने सीखा नहीं।
छोटी-छोटी बातों में हम खुशियां ढूंढ लेते हैं।
मनमर्जी से जीते हैं।
मनमर्जी से रहते हैं।
मनमौजी हैं ,मगर सिद्धांतों से जीते हैं।