भूख गरीबी सहज दूर हो, हाथ में बस मेवा होगा। भूख गरीबी सहज दूर हो, हाथ में बस मेवा होगा।
चुपके -चुपके कभी तो कभी बोल के पी है मैंने। चुपके -चुपके कभी तो कभी बोल के पी है मैंने।
और मित्र न लूंगा मदिरा, हेतु तुझे बताता हूँ, अभी अभी तो पांच पैग ले, मदिरालय से आता हूँ। और मित्र न लूंगा मदिरा, हेतु तुझे बताता हूँ, अभी अभी तो पांच पैग ले, मद...
पीते नहीं साकी शराब साकी को ही पी जाता है मदिरालय का आँगन। पीते नहीं साकी शराब साकी को ही पी जाता है मदिरालय का आँगन।
चुनावी बिगुल बजाने से कोरोना गुम हो जाता है। चुनावी बिगुल बजाने से कोरोना गुम हो जाता है।