रंग हीं नहीं रंगहीन है फिर भी रंग है। रंग हीं नहीं रंगहीन है फिर भी रंग है।
ऐसी इन्हीं आंखों, के सहारे जिंदा हूं, ऐसी इन्हीं आंखों, के सहारे जिंदा हूं,
कितने सुन्दर कितने मोहक तरह-तरह के होते मौसम। कितने सुन्दर कितने मोहक तरह-तरह के होते मौसम।
स्वर्ग में कब का घुल चुका है बारूदी गंध विषैला, विषैले जीवाणुओं ने हर ओर से लिया है घेर वि... स्वर्ग में कब का घुल चुका है बारूदी गंध विषैला, विषैले जीवाणुओं ने हर ओर...
भूरा रंग गहरे रंग की लकड़ी भी हमेशा दर्शाता, ये रंग समृद्ध मिट्टी जैसे मिलता जुलता दर भूरा रंग गहरे रंग की लकड़ी भी हमेशा दर्शाता, ये रंग समृद्ध मिट्टी जैसे मिलता...