अंधेरे को चीर निकलूंगा, मैं भोर का रवि हूं। अंधेरे को चीर निकलूंगा, मैं भोर का रवि हूं।
फिर बड़ी शान से भेदकर झूठ का चक्रव्यूह बेदाग सदा से ही मुस्करा रहा है। फिर बड़ी शान से भेदकर झूठ का चक्रव्यूह बेदाग सदा से ही मुस्करा रहा है।
मैं एक नारी हूँ मुझे गर्व है खुद पर हर कदम रखती हूँ अपने बलबूते पर। मैं एक नारी हूँ मुझे गर्व है खुद पर हर कदम रखती हूँ अपने बलबूते पर।
आजकल मुखौटों का है कुछ चलन किस पर यकीन अब करें हम। आजकल मुखौटों का है कुछ चलन किस पर यकीन अब करें हम।
जीवन हो बेदाग जब मूल्यवान तभी कहलाता छोटा सा भी दाग दिखे तो मोल नहीं रह जाता जीवन हो बेदाग जब मूल्यवान तभी कहलाता छोटा सा भी दाग दिखे तो मोल नहीं रह जाता
जब भगवान को नहीं बक्शते हम इंसानों की क्या औकात। जब भगवान को नहीं बक्शते हम इंसानों की क्या औकात।