क्या पता कब कौन रूठ जाये क्या पता किस बात पर ख़फ़ा हो जाये क्या पता कब कौन रूठ जाये क्या पता किस बात पर ख़फ़ा हो जाये
रुक कर पल भर भी सोच नहीं पाती क्या सही क्या गलत है हल्के से हाथों का सहारा पाती नहीं ... रुक कर पल भर भी सोच नहीं पाती क्या सही क्या गलत है हल्के से हाथों का सह...
नफ़रत की उगने लगी फ़सल, मोहब्बत के जंगल उजड़ रहे हैं। नफ़रत की उगने लगी फ़सल, मोहब्बत के जंगल उजड़ रहे हैं।
मोहब्बत एक जहर है !जो पी गया वो एक भटकती आत्मा है ! मोहब्बत एक जहर है !जो पी गया वो एक भटकती आत्मा है !